हस्तिनापुर स्थित पांडव टीले पर एएसआई द्वारा जारी उत्खनन में राजपूत काल और मध्यवर्ती काल की दीवारें दिखाई दी हैं। इन्हें निखारने का कार्य जारी है। सोमवार को उत्खनन के दौरान एक ब्लॉक में काले रंग की गोलाकार आकृति भी नजर आई है। इसे अधीक्षण पुरातत्वविद ने ब्रश से साफ कराया, मंगलवार को इसकी गहनता से जांच की जाएगी।
महाभारतकालीन ऐतिहासिक नगरी हस्तिनापुर में पांडव टीला पर एएसआई द्वारा किए जा रहे उत्खनन से रहस्य उजागर होने लगे हैं। पांडव टीले के पास संग्रहालय बनाया जाएगा, जिसमें पौराणिक अवशेष रखे जाएंगे और लोग इन्हें देख सकेंगे।
ब्लॉक बनाकर किया जा रहा उत्खनन
पांडव टीला पर जारी उत्खनन में ट्रेंच लगाकर अलग ब्लाक बनाए गए हैं, जिसमें मिलने वाली पॉटरी व अवशेष सुरक्षित किए जा रहे हैं। उनका लेखा जोखा रखा जा रहा है कि किस ब्लॉक से क्या प्राप्त हुआ। एएसआई का मानना है कि यहां से राजपूत काल एवं मध्यवर्ती काल की दीवारें भी दिखाई दी हैं, जिन्हें निखारने का कार्य लगातार जारी है।
गोलाकार आकृति नजर आई
सोमवार को उत्खनन के दौरान एक ब्लॉक में काले रंग की गोलाकार आकृति भी दिखाई दी है। अधीक्षण पुरातत्वविद ने इसकी ब्रश से सफाई कराई। उन्होंने बताया कि प्रतीत होता है कि कोई सामान रखने के लिए यहां गोलाकार आकृति का स्थान बनाया गया है। उसके चारों ओर एक मोटी लेयर भी दिखाई दे रही है जो शीघ्र स्पष्ट हो जाएगी।
पानी रखने का पात्र व मटका मिला
सोमवार को उत्खनन में पानी रखने का पात्र‚ एवं मटका भी मिला है। इस स्थान को सुरक्षित करा लिया गया है। पुरातत्वविद ने बताया कि संभवतय यहां कुआं हो सकता है। जो उत्खनन के बाद स्पष्ट हो सकेगा। इसके अलावा मृदभांड, अनाज, दाल व चावल के दाने भी यहां से मिले हैं।
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